Breaking News - फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का चंड़ीगढ़ में निधन, प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व राष्ट्रपति रामनाथ जी ने जताया दुख।

बनबसा न्यूज़ की ओर से मिल्खा सिंह जी को विन्रम श्रद्धांजलि


चंड़ीगढ़। देश के महान धावक मिल्खा सिंह जी का शुक्रवार देर रात लगभग 11:30 बजे 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उड़न सिख मिल्खा सिंह जी के निधन की खबर से पूरे देश में शोक का लहर है।

कोरोना से जंग जीत कर भी जिन्दगी की जंग हारे फ़्लाइंग सिख मिल्खा सिंह।


   ज्ञात हो कि मिल्खा जी पिछले एक महीने से कोरोना वायरस से संक्रमित थे। कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद उनका इलाज उनके घर पर ही चल रहा था, लेकिन तबियत बिगड़ने पर उनको 03 जून को चंड़ीगढ़ पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ दिनों में उनकी तबीयत में सुधार आया था। वह कोरोना से ठीक हो चुके थे और बुधवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आयी थी। लेकिन वह पाेस्‍ट कोविड समस्‍याओं से जूझ रहे थे और अचानक से उनका ऑक्सीजन का स्तर कम होने के बाद मिल्खा जी को साँस लेने में कठिनाई होने लगी थी। उनकी हालत लगातार गम्भीर होती गयी और देर रात इस महान हस्ति के निधन की दुःखद खबर चंडीगढ़ पीजीआई से सामने आयी।

मिल्खा सिंह जी के निधन पर देश की महत्त्वपूर्ण हस्तियों के शोक संदेश:-


   मिल्खा सिंह के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के अलावा कई राजनीतिक व खेल जगत की बड़ी हस्तियों ने दुःख जताया है।

5 दिन पहले मिल्खा सिंह की पत्नी भी हारी थी कोरोना से जंग।


बनबसा न्यूज़ की ओर से निर्मल कौर जी को विन्रम श्रद्धाजंलि।


   बता दें कि पांच दिन पूर्व 13 जून को मिल्खा सिंह जी की पत्नी प्रसिद्ध वालीबॉल खिलाड़ी एवं भारतीय महिला वालीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल मिल्खा सिंह जी का भी कोरोना की वजह से 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। 

   भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर रोम ओलंपिक के बाद निर्मल कौर जी मिल्खा जी के साथ 1962 में विवाह के बंधन में बंधीं थीं। मिल्खा सिंह जी के संक्रमित होने के कुछ दिन बाद निर्मल जी की भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। तीन हफ्ते उनका इलाज चंडीगढ़ पीजीआई में चला था। 

रोम ओलंपिक में मिले थे मिल्खा सिंह और निर्मल कौर

    एक पत्रकार को दिये साक्षात्कार में मिल्खा जी ने अपनी लवलाइफ के बारे में कई चौकाने वाले खुलासे किये। “उड़न सिख” के नाम से मशहूर महान एथलीट ने बताया कि, ‛जो मैडल 1960 के रोम ओलंपिक में मुझे नहीं मिला था, वो बाद में मुझे मिल गया था। मेरा सबसे अच्छा मैडल है, मेरी पत्नी निर्मल कौर। उस समय निर्मल जी भारत की वॉलीबॉल टीम की कप्तानी सम्भाल रहीं थीं। लेकिन हमारा प्यार परवान चढ़ा श्रीलंका के कोलंबो में, जब हम दोनों इंडो-सिलोन खेलों मे हिस्सा ले रहे थे।' निर्मल जी ने भी पत्रकार को बताया  कि वह मिल्खा जी की बहुत बड़ी फैन थीं और उनसे ऑटोग्रॉफ लेती रहती थीं। थोड़ा शर्माते हुये उन्होंने बैग था कि मिल्खा सिंह थे ही इतने स्मार्ट और मशहूर की उन्हें उनसे प्यार तो होना ही था।

घर के नौकरों से मिल्खा सिंह जी व निर्मल कौर जी को कोरोना फैलने का शक है।

   फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह जी के नौकर भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे। आशंका है कि दोनों दंपती नौकरों के संपर्क में आने से ही कोविड-19 पॉजिटिव हुये थे। 

मिल्खा सिंह जी से जुड़े कुछ महत्त्वपूर्ण बिन्दु:-


  • उड़न सिख (Flying Sikh) के नाम से मशहूर पूर्व धावक मिल्खा सिंह जी का निधन।
  • 91 वर्ष की उम्र में चंडीगढ़ पीजीआई में हुआ निधन।
  • 5 दिन पहले ही पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह की भी हो चुकी है मौत। 
  • कोरोना से संक्रमित थे मिल्खा और निर्मल।
  • 1958 में राष्ट्रमंडल खेलों (कॉमनवेल्थ गेम्स) में दिलाया था भारत को पहला स्वर्ण पदक। 
  • फ़्लाइंग सिख मिल्खा सिंह ने 1960 रोम ओलंपिक में भी प्रतिभाग किया था जहां वे मामूली अंतर से पदक जीतने से चूक गये थे।
  • मिल्खा जी का एक बेटा और  एक बेटी है।
  • उनके बेटे का नाम जीव मिल्खा सिंह है, जो की गोल्फ का खिलाड़ी है।
  • उनकी बेटी का नाम मोना मिल्खा सिंह हैं, जो कि एक डॉक्टर है।
  • मिल्खा सिंह के पुत्र जीव मिल्खा सिंह ने की पिता के निधन की पुष्टि।
  • मिल्खा सिंह जी के ऊपर “भाग मिल्खा भाग” नाम से एक फ़िल्म भी बनी है। जिसमें फरहान अख़्तर ने मिल्खा सिंह जी का किरदार निभाया है।


   एशियाई खेलों के चार बार के स्वर्ण पदक और राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन मिल्खा सिंह 1960 रोम ओलंपिक में 400 मीटर के फाइनल में मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गये थे।मिल्खा सिंह जी ने राष्ट्रमण्डल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुये भारत के लिए पहला ‛स्वर्ण पदक’ जीता था। पूरे विश्व में भारत देश का गौरव बढ़ाने वाले फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह जी का निधन एक अपूरणीय क्षति है। वह करोड़ो देशवासियों के ह्रदय में बसते हैं।

    युवा खिलाड़ियों के लिये उनका जीवन प्रेरणास्रोत है। उनका और उनकी धर्मपत्नी का इस दुनिया से जाना खेल जगत की बहुत बड़ी क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को मोक्ष प्रदान करें। ॐ शान्ति।

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