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विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण करती सृष्टी (फाइल चित्र : कैलाश थपलियाल जी ) |
स्वच्छ पर्यावरण प्रत्येक प्राणी के जीवन के लिए आवश्यक है। यह बात सदियों से हमारे पूर्वज मानते और अपनाते रहे हैं। परन्तु समय के साथ विकास की महत्त्वाकांक्षा में मानव जाति ने पर्यावरण को बहुत हानि पहुँचाई। जिसका आभास हमें कोरोना महामारी के दौरान हुआ है। हमें स्वच्छ पर्यावरण को पुनः स्थापित करना होगा। कोरोना से जंग हम तभी जीत पाएंगे जब हम स्वच्छ पर्यावरण में प्रकृति के संग रहेंगे।
इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “पारिस्थितिकी तंत्र की पुनर्बहाली" (Ecosystem Restoration) है।
मानव अस्तित्व की सुरक्षा, मानव एवं प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र में पर्यावरण संरक्षण और संवर्द्धन से ही संभव है। हमें प्रकृति और पर्यावरण के प्रति, प्रतिपल आभार व्यक्त करना चाहिए। स्वस्थ प्रकृति और सुरक्षित पर्यावरण ही मानव के अस्तित्व एवं विकास का आधार है। वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाना ही होगा। पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने और पर्यावरण को स्वच्छ व स्वस्थ रखने के लिए सामूहिक कार्य करें। अन्य लोगों को भी पेड़-पौधे लगाने, उन्हें संरक्षित करने, जल स्रोतों, नदियों एवं तालाबों को साफ व स्वच्छ रखने हेतु प्रेरित करें। अपने आसपास सभी प्रकार के प्रदूषण को कम करने में हरसम्भव प्रयास करें। आइये, निजी स्वार्थों को छोड़कर दैनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन कार्य हेतु सदैव संकल्पबद्ध रहें।- बचेगी हरियाली, बचेगा जल
- तभी बचेगा जीवन और कल
कोरोना संकट से जूझती दुनिया आज स्वच्छ आबोहवा की कीमत और पर्यावरण एवं जल के संरक्षण की जरूरत कहीं अधिक महसूस कर रही है। पर्यावरण की सुरक्षा हम सब का साझा दायित्व है।
आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम सब मिलकर संकल्प लें कि हम किसी भी प्रकार से कोई भी ऐसा कार्य ना करें, जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण को क्षति पहुंचे। अपने आस पास के जल, जंगल और जमीन की रक्षा करना हम सबका दायित्व है। तभी हमारी आने वाली पीढ़ी को भविष्य में साफ हवा और स्वच्छ जल मिल सकेगा।
आपको विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
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