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Banbasa News |
बनबसा। नेपाल सीमा पर स्थित बनबसा के व्यापारी लगातार बाजार बंद रहने से खासे परेशान हो गए हैं। उन्हें सरकार से बाजार खोलने में कुछ ढील मिलने की उम्मीद थी, लेकिन एक जून तक बढ़ाए गए कोरोना कर्फ्यू में बाजार खोलने को लेकर किसी प्रकार की ढील नहीं देकर सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
ज्ञात हो कि आज ही सरकार ने एक जून तक राज्य में कोरोना कर्फ्यू बढ़ा दिया है। नई गाइडलाइन के अनुसार आवश्यक वस्तुओं की दुकानें सुबह आठ बजे से 11 बजे तक खुलेंगी, जबकि परचून की दुकानें 28 मई को सुबह 8 से 12 बजे तक खुलेंगी। वहीं, सीमांत के व्यापारियों को इस नई गाइडलाइन से भी निराशा हाथ लगी है। कास्मेटिक व्यापारी मोनू ठाकुर का कहना है कि महीने भर से दुकान बंद होने से उनकी आमदनी चौपट हो गई है। ऊपर से कर्मचारियों की सैलरी, बिजली बिल और सामान एक्सपायर होने की मार भी झेलनी पड़ रही है। सरकार को उनके बारे में भी सोचना चाहिए और दुकान खोलने में कुछ ढील देनी चाहिए।
चश्मा व्यापारी आशीष सिंह ठाकुर का कहना है कि लाॅकडाउन में वैसे ही मार्केट ठंडा है। बाहर से माल भी नहीं आ पा रहा है। इस कारण उनका धंधा भी चौपट है। किराना व्यापारी अनिल सिंह का कहना है कि सीमांत का बाजार 95 प्रतिशत तक नेपाली नागरिकों से चलता है, लेकिन लाॅकडाउन की वजह से नेपाली नागरिकों ने भारत आना बंद कर दिया है। ऊपर से सप्ताह में एक दिन किराना की दुकानें खोलने की गाइडलाइन की वजह से आजीविका ठप है। दुकान में रखा काफी सामान खराब हो रहा है, जबकि एक दिन मात्र 4 घंटे के लिए दुकान खोलने पर अफरा-तफरी अधिक रहती है। उनमें और ग्राहकों में 12 बजने को लेकर भी भय का माहौल बना रहता है।
होटल व्यवसायी अली का कहना है कि अभी पिछले साल हुए लाॅकडाउन की भरपाई तक नहीं हो पाई थी कि फिर से कोरोना कर्फ्यू में होटल बंद करना पड़ा है। ऐसे में कर्मचारियों को सैलरी, बिजली-पानी के बिल जेब से देने पड़ रहे हैं। सभी व्यापारियों ने कपड़ा, बर्तन, फैशन, कैटरिंग, होटल, रेस्टोरेंट आदि दुकानें खोलने के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग की है। कहा कि लगातार बाजार बंद होने से उनके समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने राज्य सरकार से व्यापारियों के लिए आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा करने की भी मांग की है।
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