Banbasa News - चन्द्रग्रहण के बाद बनबसा में नजर आया चाँद का अद्भुत नजारा। जानिये चन्द्रग्रहण कैसे होता है?

 

Banbasa News -  चन्द्रग्रहण के बाद बनबसा में नजर आया चाँद का अद्भुत नजारा। जानिये चन्द्रग्रहण कैसे होता है?

चन्द्रग्रहण पर बनबसा में दिखा सुपरमून (चित्र साभार - कैलाश थपलियाल जी )


बनबसा। हम सबने बुधवार 26 मई, 2021 को इस महीने एक शानदार चन्द्रग्रहण (Lunar eclipse) देखा। जो साल  का पहला पूर्ण चन्द्रग्रहण (सुपरमून) था, जिसमें चंद्रमा लाल रंग में बिलकुल एक रक्त चंद्रमा (Blood Moon) की तरह नजर आया।

 चन्द्रग्रहण के बाद सुपरमून (Super Moon) का यह अति सुंदर चित्र बनबसा क्षेत्र के Wildlife Photographer कैलाश थपलियाल जी द्वारा बुद्धपूर्णिमा के दिन लिया गया है। आप इनकी Photography को उनके Instagram page First Rays  और Kailash Thapliyal में देख सकते हैं।

कैलाश जी अपने बनबसा क्षेत्र के एक जानेमाने समाजसेवी व्यक्ति हैं। वह पूर्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के उत्तराखंड प्रान्त में प्रदेश मंत्री रहे हैं। वर्तमान में सीमान्त सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं देवभूमि बी०एड० कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, बनबसा (चम्पावत) के निदेशक भी हैं।

 चन्द्रग्रहण कैसे होता है?

 चंद्र ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में चला जाता है और सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ पाता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण को ब्लड मून भी कहा जाता है, क्योंकि ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर लाल रंग का रंग दिखाई देता है। यह घटना इसलिए होती है क्योंकि पृथ्वी के सूर्योदय या सूर्यास्त से प्रकाश चंद्रमा की सतह पर पड़ता है। वैज्ञानिक बताते हैं कि जैसे ही प्रकाश तरंगें फैली होती हैं, वे लाल रंग में दिखाई देती हैं। 21 जनवरी 2019 के बाद यह पहला ब्लड मून था।

 पूर्ण चन्द्रग्रहण लगभग 15 मिनट तक चला क्योंकि पृथ्वी को चंद्रमा और सूर्य के बीच से गुजरने में इतना समय लगा। लेकिन पूरा ग्रहण पांच घंटे तक चला, क्योंकि पृथ्वी की छाया धीरे-धीरे चंद्रमा को ढक लेती है, फिर यह धीरे धीरे घटने भी लगती है। ग्रहण शाम करीब 4:49 बजे अपने चरम पर था। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2:16 बजे से शुरू होकर लगभग 4:56 बजे के बीच रहा, चंद्रमा की सतह पूरी तरह से पृथ्वी के गर्भ से ढक गयी थी।

  सूर्य ग्रहण के विपरीत, चन्द्रग्रहण को देखने में कोई बुराई नहीं है। सुपर ब्लड मून दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के लोगों को दिखाई देगा। भारत से, कुछ समय के लिए, ग्रहण भारत के उत्तरपूर्वी हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ तटीय हिस्सों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से दिखाई देगा। खगोलशास्त्रियों की मानें तो इस साल दो चन्द्रग्रहण (Lunar eclipse) और दो सूर्यग्रहण (Solar eclipse) लगेंगे।

आगे होने वाले चन्द्रग्रहण और सूर्य ग्रहण-

अगला चन्द्रग्रहण 19 नवंबर, 2021 को होगा जो आंशिक चन्द्रग्रहण के रूप में लगेगा, जो कि भारत के उत्तरपूर्वी हिस्सों से चंद्रोदय के ठीक बाद बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा। अगला पूर्ण चंद्रग्रहण मई 2022 में होगा।  ऐसे ही जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य ग्रहण होता है। सूर्य ग्रहण 2021 में 10 जून और 4 दिसंबर को लगेगा।


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