ब्रिटिश काल से लंबित टनकपुर से बागेश्वर तक रेलवे लाइन बिछने की उम्मीद फिर जगी।


दिल्ली। टनकपुर क्षेत्र के लोगों के लिये एक बड़ी खुशखबरी! जल्दी ही टनकपुर-बागेश्वर के प्रस्तावित रेलवे लाइन के सर्वे का काम शुरू हो सकता है। जिससे टनकपुर से बागेश्वर तक रेल लाइन बिछने की उम्मीद फिर से जग गयी है। रेलवे बोर्ड के निदेशक पंकज कुमार द्वारा जून माह के तीसरे हफ्ते में चेयरमैन रेलवे विकास निगम न्यू दिल्ली को लिखे अपने पत्र में टनकपुर- बागेश्वर प्रस्तावित रेलवे लाइन जो कि पूर्व में 154.58 कि.मी.एवं 6967 करोड रुपए की प्रस्तावित योजना थी यह सर्वे पूर्व में NER द्वारा  की गई थी उस पर पुनः सर्वे के लिए रेलवे बोर्ड ने RVNL जो कि चार धाम की कनेक्टिविटी पर सर्वे कर रही है, उससे ही सर्वे कराने की इच्छा जताई है। पूर्व में किये गये सर्वे को बहुत ज्यादा मानते हुये इसका दोबारा सर्वे कराया जा रहा है।

    ज्ञात हो कि इस रेलवे परियोजना के लिये 2006-2007 और 2019-2020 में भी सर्वे हुआ था। जिसमें रेलवे अफसरों के मुताबिक टनकपुर से बागेश्वर तक रेल लाइन पहुँचाने के लिए अनुमानित
 कुल 276 (93 बड़े और 183 छोटे) पुलों को बनाना है, साथ ही इसमें दो ओवरब्रिज और तीन अंडरब्रिज भी बनाये जायेंगे। इसके अलावा 72 सुरंगें भी बनेंगी, सबसे बढ़ा सुरंग 4.75 किमी लम्बी बनेगी। जबकि सभी सुरंगों की कुल लंबाई 53.44 किमी० होगी। रेल लाइन के निर्माण में प्रति किलोमीटर अनुमानित 45 करोड़ की दर से कुल 6967 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    हाल ही में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने रेलमंत्री पीयूष गोयल से दिल्ली में मुलाकात कर इस  प्रस्तावित रेल लाइनों की मंजूरी मांगी थी। रेलमंत्री गोयल ने टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन का सर्वे कराने की बात कही थी। रेलवे बोर्ड के प्रोजेक्ट निदेशक के इस पत्र को रेल मंत्री के ऐलान के क्रम में ही देखा जा रहा है। और यह परियोजना की डिटेल सर्वे की ओर बढ़ता कदम माना जा रहा है।

    ज्ञात हो कि टनकपुर-बागेश्वर रेलवे लाइन ब्रिटिश काल से अब तक लगभग 109 साल से उलझी हुई है। अंग्रेजों के समय से ही प्रस्तावित कुमाऊँ की सबसे चर्चित रेलवे लाइन का कार्य हर बार सर्वे के बाद ठन्डे बस्ते में चला जाता है।

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